लेखनी कविता - आओ फिर से दिया जलाएँ -अटल बिहारी वाजपेयी

24 Part

28 times read

0 Liked

आओ फिर से दिया जलाएँ -अटल बिहारी वाजपेयी आओ फिर से दिया जलाएँ  भरी दुपहरी में अंधियारा  सूरज परछाई से हारा  अंतरतम का नेह निचोड़ें- बुझी हुई बाती सुलगाएँ।  आओ फिर ...

Chapter

×